मुख्य बिंदु:
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हिसार के एचएयू प्रोफेसर राधे श्याम को छात्रों पर हमले के लिए गिरफ्तार किया गया।
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10 जून को हुए हमले में 20 से अधिक छात्र घायल हुए।
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विश्वविद्यालय ने चार सुरक्षा कर्मियों को निलंबित किया।
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कांग्रेस नेताओं ने छात्रों का समर्थन किया, सख्त कार्रवाई की मांग की।
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छात्र स्कॉलरशिप नीति में सुधार चाहते हैं।
हिसार पुलिस ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) के समाजशास्त्र सहायक प्रोफेसर डॉ. राधे श्याम को गिरफ्तार किया। उन्हें आदमपुर ब्लॉक के चौधरीवाली गांव से पकड़ा गया। यह कार्रवाई 10 जून को बवाल के कृषि कॉलेज परिसर में छात्रों पर हुए हमले के बाद हुई। हिसार पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि राधे श्याम को कल अदालत में पेश किया जाएगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर बढ़ता अनुशासनात्मक दबाव
विश्वविद्यालय ने राधे श्याम को पहले ही निलंबित कर दिया था। निलंबन आदेश के तहत उन्हें बवाल छोड़ने की मनाही थी। इसके अलावा, चार सुरक्षा कर्मी—बिजेंद्र, अनूप, जगमेश पूनिया और नरेंद्र—को 2022 की संविदा नीति के तहत निलंबित किया गया। रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार, मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह और पांच अन्य कर्मियों पर भी मामला दर्ज है। यह कदम छात्रों के विरोध और जनता के दबाव के बाद उठाया गया।
विश्वविद्यालय ने राधे श्याम को पहले ही निलंबित कर दिया था। निलंबन आदेश के तहत उन्हें बवाल छोड़ने की मनाही थी। इसके अलावा, चार सुरक्षा कर्मी—बिजेंद्र, अनूप, जगमेश पूनिया और नरेंद्र—को 2022 की संविदा नीति के तहत निलंबित किया गया। रजिस्ट्रार डॉ. पवन कुमार, मुख्य सुरक्षा अधिकारी सुखबीर सिंह और पांच अन्य कर्मियों पर भी मामला दर्ज है। यह कदम छात्रों के विरोध और जनता के दबाव के बाद उठाया गया।
छात्रों पर हमले की घटना और आंदोलन की शुरुआत
10 जून की रात कुलपति आवास के बाहर छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ। छात्र स्कॉलरशिप नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हमले में 20 से अधिक छात्र घायल हुए, जिनमें छह को गंभीर चोटें आईं। घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इस घटना ने विश्वविद्यालय में तनाव बढ़ाया। छात्रों ने धरना शुरू किया, जिसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला।
10 जून की रात कुलपति आवास के बाहर छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ। छात्र स्कॉलरशिप नीति के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हमले में 20 से अधिक छात्र घायल हुए, जिनमें छह को गंभीर चोटें आईं। घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया। इस घटना ने विश्वविद्यालय में तनाव बढ़ाया। छात्रों ने धरना शुरू किया, जिसे सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन मिला।
कांग्रेस का समर्थन: नेताओं ने की कठोर कार्रवाई की मांग
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने धरना स्थल पर छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने घायल छात्रों का हाल जाना और उनकी मांगों का समर्थन किया। हुड्डा ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कुलपति के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने छात्रों से शांति और अनुशासन के साथ आंदोलन जारी रखने को कहा। हुड्डा ने संसद में यह मुद्दा उठाने का वादा किया।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने धरना स्थल पर छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने घायल छात्रों का हाल जाना और उनकी मांगों का समर्थन किया। हुड्डा ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कुलपति के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने छात्रों से शांति और अनुशासन के साथ आंदोलन जारी रखने को कहा। हुड्डा ने संसद में यह मुद्दा उठाने का वादा किया।
कांग्रेस की रणनीति और छात्रों के लिए आश्वासन
राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने हमले की निंदा की और कांग्रेस का पूर्ण समर्थन जताया। सुरजेवाला ने दोषियों की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर छात्रों की मांगों को उठाने का वादा किया। सुरजेवाला ने छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की व्यवस्था का आश्वासन दिया।
राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने हमले की निंदा की और कांग्रेस का पूर्ण समर्थन जताया। सुरजेवाला ने दोषियों की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र लिखकर छात्रों की मांगों को उठाने का वादा किया। सुरजेवाला ने छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की व्यवस्था का आश्वासन दिया।
विश्वविद्यालय और सरकार के सामने बढ़ती चुनौतियां
छात्रों का आंदोलन और विपक्ष का समर्थन विश्वविद्यालय के लिए चुनौती बना है। जनता में इस घटना को लेकर रोष है। विश्वविद्यालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की, लेकिन छात्र इसे अपर्याप्त मानते हैं। वे कुलपति के इस्तीफे और नीतिगत बदलाव चाहते हैं। सरकार पर मामले को जल्द सुलझाने का दबाव है।
छात्रों का आंदोलन और विपक्ष का समर्थन विश्वविद्यालय के लिए चुनौती बना है। जनता में इस घटना को लेकर रोष है। विश्वविद्यालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की, लेकिन छात्र इसे अपर्याप्त मानते हैं। वे कुलपति के इस्तीफे और नीतिगत बदलाव चाहते हैं। सरकार पर मामले को जल्द सुलझाने का दबाव है।
छात्र निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की मांग कर रहे हैं। वे स्कॉलरशिप नीति में सुधार चाहते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और विपक्षी नेता उनके साथ हैं। यह आंदोलन हिसार में चर्चा का केंद्र बना है। छात्रों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया।हिसार विश्वविद्यालय में छात्रों पर हमला गंभीर मुद्दा है। राधे श्याम की गिरफ्तारी और निलंबन ने इसे सुर्खियों में लाया। कांग्रेस के समर्थन ने आंदोलन को बल दिया। विश्वविद्यालय और सरकार को जल्द समाधान निकालना होगा। छात्रों का संघर्ष न्याय और सुधार की दिशा में कदम है।
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