हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण बैंक (HPSCARDB) की वार्षिक आम सभा शनिवार को शिमला में आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश भर से बैंक के सहभागी सदस्यों और शेयरधारकों ने हिस्सा लिया। सभा की अध्यक्षता बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने की। इस दौरान पिछले वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों को शेयरधारकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
सभा में 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लाभ-हानि लेखा-जोखा को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्यय को स्वीकृत किया गया, जिसमें बैंक ने कुल 12.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15% अधिक है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित आय-व्यय पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें बैंक ने 150 करोड़ रुपये के ऋण वितरण और 10% लाभ वृद्धि का लक्ष्य रखा। इस बजट को भी सभा ने मंजूरी दे दी।
बैंक के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने शेयरधारकों को बताया कि बैंक ने पिछले कई वर्षों से चले आ रहे संचित घाटे को पूरी तरह समाप्त कर लिया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 तक बैंक 8.3 करोड़ रुपये के संचित घाटे में था, जिसे इस वर्ष समाप्त कर बैंक अब 12.5 करोड़ रुपये के लाभ की स्थिति में पहुंच गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन, निदेशक मंडल और समस्त कर्मचारियों के समर्पित प्रयासों की सराहना की। चौहान ने इसे बैंक और इसके हितधारकों के लिए गौरव का क्षण बताया।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने हालिया बजट में कृषि ऋण पर ब्याज दरों में 2% की रियायत देने की घोषणा की है, जिससे प्रदेश के छोटे और सीमांत किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इस कदम से लगभग 50,000 किसानों को लाभ होने की उम्मीद है, और इससे उनकी ऋण अदायगी में सालाना 5 करोड़ रुपये की बचत होगी। चौहान ने इसके लिए CM का आभार जताया और कहा कि उनके मार्गदर्शन में बैंक भविष्य में और प्रगति करेगा। उन्होंने दावा किया कि बैंक जल्द ही प्रदेश के अग्रणी बैंकों में अपनी जगह बनाएगा और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब किसानों तक अपनी योजनाओं को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सभा में कर्मचारियों के हित में भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें 150 कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति, 50 नए पदों का सृजन, और कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने का निर्णय शामिल है। इसके अलावा, कर्मचारियों के लिए 5% वार्षिक वेतन वृद्धि को भी मंजूरी दी गई, जिससे बैंक के 1,200 कर्मचारियों को लाभ होगा।
चौहान ने बताया कि बैंक ने पिछले एक वर्ष में 1,25,000 किसानों को 450 करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए, जिनमें से 60% छोटे और सीमांत किसानों को दिए गए। बैंक ने डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए 50 नई शाखाओं में डिजिटल सुविधाएं शुरू कीं और 10,000 किसानों को ऑनलाइन लेनदेन के लिए प्रशिक्षित किया। इसके अलावा, बैंक ने नाबार्ड के सहयोग से 20 ग्रामीण क्षेत्रों में किसान जागरूकता शिविर आयोजित किए, जिसमें 5,000 से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया।
हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के इस प्रदर्शन पर स्थानीय किसान संगठनों ने भी खुशी जताई है। हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने कहा कि बैंक का घाटा समाप्त करना और लाभ में आना किसानों के लिए सकारात्मक संकेत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे भविष्य में किसानों को सस्ते ऋण और बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, कुछ शेयरधारकों ने सभा में ग्रामीण शाखाओं में कर्मचारियों की कमी और ऋण स्वीकृति में देरी की शिकायतें भी उठाईं, जिस पर अध्यक्ष ने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों को जल्द हल किया जाएगा।