धान व अन्य फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी नाकाफी :भूपेंद्र सिंह हुड्डा

In हरियाणा
May 31, 2025

चंडीगढ़, 28 मई 2025: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने धान और अन्य फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हालिया बढ़ोतरी को अपर्याप्त करार देते हुए इसे “ऊंट के मुंह में जीरे” के समान बताया। उन्होंने कहा कि धान की एमएसपी में केवल 69 रुपये यानी 3% की वृद्धि की गई है, जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान हर साल 14-15% की बढ़ोतरी होती थी, जो मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की तुलना में लगभग 5 गुना अधिक थी।

हुड्डा ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके कार्यकाल में महंगाई बेकाबू हो चुकी है। पेट्रोल, डीजल, सिंचाई, मजदूरी, परिवहन, खाद, बीज और कीटनाशकों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने खेती पर भी टैक्स लगा दिया है। मौसम की मार और सरकारी उपेक्षा के कारण किसानों की फसलें बार-बार बर्बाद हो रही हैं, जिससे कई किसान खेती छोड़कर दिहाड़ी मजदूरी करने को मजबूर हैं।

उन्होंने मांग की कि सरकार किसानों को उचित दाम, सब्सिडी, टैक्स और कर्ज से राहत दे। हुड्डा ने कहा कि बीजेपी को अपने वादे के अनुसार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर सी2 फॉर्मूले (उत्पादन की पूरी लागत) के आधार पर एमएसपी देनी चाहिए। इसके बजाय, सरकार ने एमएसपी बढ़ोतरी को औपचारिकता बना दिया है, और किसानों को घोषित रेट भी नहीं मिलता। नतीजतन, किसानों को एमएसपी से कम कीमत पर निजी एजेंसियों के हाथों फसल बेचनी पड़ती है।

हरियाणा सरकार के एमएसपी भुगतान और घोषणाएं
हुड्डा की टिप्पणियों के अलावा, हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में एमएसपी खरीद को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 4 अगस्त 2024 को सैनी ने घोषणा की कि हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा जो सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदेगा, जो विधानसभा चुनाव से पहले किसानों का समर्थन बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम था। हरियाणा मंत्रिमंडल ने 10 अतिरिक्त फसलों को एमएसपी खरीद के दायरे में शामिल करने को मंजूरी दी, जो पहले से खरीदी जा रही 14 फसलों के अतिरिक्त है।

खरीफ विपणन सीजन 2024-25 के लिए, हरियाणा सरकार ने 21 अक्टूबर 2024 तक 31,22,866 मीट्रिक टन धान और 3,44,795 मीट्रिक टन बाजरा खरीदा, जिसमें किसानों को लगभग 4,783 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसके अलावा, 18 अक्टूबर 2024 को सैनी ने घोषणा की कि धान और बाजरा की खरीद के लिए 3,387 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है, और सरकार हर दाने को एमएसपी पर खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है।

हालांकि, जमीनी हकीकत को लेकर सवाल उठ रहे हैं। एक्स पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया है कि हरियाणा में 95% तक धान एमएसपी से कम कीमत पर बिका, जो घोषित नीतियों और उनके कार्यान्वयन के बीच अंतर को दर्शाता है।

केंद्र सरकार की एमएसपी घोषणा 2025-26
28 मई 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ 2025-26 सीजन के लिए 14 फसलों के लिए एमएसपी बढ़ोतरी को मंजूरी दी, जिसका अनुमानित वित्तीय प्रभाव 2,07,000 करोड़ रुपये है। यह निर्णय किसानों को उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मार्जिन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया, जो केंद्र सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों को दर्शाता है। हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि यह फैसला राज्य के किसानों के लिए बेहद फायदेमंद होगा।

हरियाणा सरकार ने एमएसपी खरीद और भुगतान को लेकर बड़े दावे किए हैं, लेकिन हुड्डा की आलोचना नीतिगत घोषणाओं और उनके कार्यान्वयन के बीच अंतर को उजागर करती है। राज्य ने एमएसपी दायरे का विस्तार और बड़े पैमाने पर भुगतान कर किसानों का समर्थन करने की कोशिश की है, लेकिन जमीनी स्तर पर एमएसपी दरें सुनिश्चित करने में चुनौतियां बनी हुई हैं, जैसा कि हुड्डा और सोशल मीडिया पर उठी आवाजों से स्पष्ट है।