मुख्य बिंदु:
- हरियाणा सरकार पंचायतों को स्टांप ड्यूटी का 1% हिस्सा देगी।
- 5388 ग्राम पंचायतों को 288.16 करोड़ रुपये मिलेंगे।
- पंचायत समितियों और जिला परिषदों को भी फंड आवंटित।
- पंचायतों को विकास कार्यों में अधिक स्वायत्तता मिलेगी।
हरियाणा के विकास और पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने पंचायतों को सशक्त बनाने की घोषणा की। सरकार ने स्टांप ड्यूटी से प्राप्त कुल राजस्व का 1% पंचायती राज संस्थाओं को देने का फैसला किया। इससे ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद वित्तीय रूप से मजबूत होंगे। यह कदम विकास कार्यों में स्वायत्तता बढ़ाएगा।
572.42 करोड़ रुपये का फंड पंचायतों को आवंटित
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया। स्टांप ड्यूटी का 0.5% ग्राम पंचायतों, 0.25% पंचायत समितियों और 0.25% जिला परिषदों को मिलेगा। कुल 572.42 करोड़ रुपये आवंटित होंगे। इसमें 5388 ग्राम पंचायतों को 288.16 करोड़, 142 पंचायत समितियों को 144.08 करोड़ और 22 जिला परिषदों को 140.18 करोड़ रुपये मिलेंगे।
विकास कार्यों में पंचायतों को अधिक अधिकार और स्वायत्तता
पंवार ने बताया कि यह योजना पंचायतों को विकास कार्यों की योजना बनाने में मदद करेगी। पंचायतें संसाधनों का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग कर सकेंगी। पहले भी सरकार ने अंतर-जिला परिषदें बनाईं। पंचायतों को विभिन्न विभागों के कार्य स्वतंत्र रूप से चलाने के लिए फंड ट्रांसफर की सुविधा दी गई।
मजबूत पंचायतें हरियाणा की समृद्धि की नींव
पंवार ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रामीण सशक्तिकरण के दृष्टिकोण का हिस्सा है। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर पंचायतों को 368 करोड़ रुपये की परियोजनाएं दी गईं। हरियाणा का लक्ष्य हर पंचायत को सशक्त करना है। इससे हर गांव का विकास होगा। हरियाणा समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएगा।
हरियाणा सरकार का यह कदम पंचायती राज को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। स्टांप ड्यूटी का हिस्सा पंचायतों को वित्तीय स्वायत्तता देगा। यह ग्रामीण विकास को गति देगा। सरकार का लक्ष्य हर गांव को समृद्ध बनाना है।
Share this: