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नियुक्ति में देरी: संजय हुड्डा का कार्यकाल पूरा, नया निदेशक अभी तक नहीं चुना गया।
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हाईकोर्ट को पत्र: एडवोकेट हेमंत कुमार ने BNSS 2023 के तहत नियुक्ति की मांग की।
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सेवा नियमों में विरोध: 2013 के नियमों और BNSS के बीच योग्यता को लेकर टकराव।
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विशेष निदेशक की नियुक्ति: हुड्डा को अब विशेष निदेशक के रूप में तैनात किया जाएगा।
चंडीगढ़, 12 जून 2025: हरियाणा में निदेशक, अभियोजन (जनरल) की नियुक्ति का मामला लटक गया है। संजय हुड्डा का तीन साल का कार्यकाल 31 मई 2025 को खत्म हो चुका है, लेकिन 10 दिन बाद भी उनके उत्तराधिकारी का चयन नहीं हुआ। इस बीच, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार-जनरल को पत्र लिखकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 के तहत नई नियुक्ति की मांग की है।
संजय हुड्डा की नियुक्ति 1 जून 2022 को निदेशक, अभियोजन (जनरल) के रूप में हुई थी। हरियाणा राज्य अभियोजन विभाग विधिक सेवा (ग्रुप ए) नियम, 2013 के अनुसार, इस पद का अधिकतम कार्यकाल तीन साल है। हुड्डा का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें अब निदेशक, अभियोजन (विशेष) के रूप में तैनात किया जाएगा। उनकी रिटायरमेंट अगस्त 2027 में होगी। हालांकि, नए निदेशक की नियुक्ति में देरी से सवाल उठ रहे हैं।
एडवोकेट हेमंत कुमार ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले को देखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के निदेशक, अभियोजन की नियुक्ति हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सहमति से होती है। मौजूदा 2013 के नियमों के बजाय BNSS 2023 की धारा 20(2)(ए) के तहत नियुक्ति होनी चाहिए, जिसमें 15 साल की वकालत या सेशंस जज का अनुभव अनिवार्य है। हेमंत ने बताया कि 2013 के नियमों में इस प्रावधान को शामिल करने के लिए अभी तक संशोधन नहीं हुआ है।
फरवरी 2022 में हरियाणा सरकार ने सेवा नियमों में संशोधन कर निदेशक, अभियोजन के एक पद को दो हिस्सों में बांटा: जनरल और विशेष। यह बदलाव इसलिए किया गया ताकि नरशेर सिंह, जो 2016 से निदेशक थे, को हटाकर नए निदेशक की नियुक्ति हो सके। नियमों के अनुसार, कोई भी विभागाध्यक्ष तीन साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकता। नरशेर सिंह अब विशेष निदेशक हैं और अक्टूबर 2025 में रिटायर होंगे। वर्तमान में, निदेशक (जनरल) के लिए चार अतिरिक्त निदेशकों में से किसी के पास भी एक साल का अनुभव नहीं है, जो नियुक्ति के लिए जरूरी है। साथ ही, सीधी भर्ती का कोई प्रावधान नहीं है।
हेमंत ने बताया कि अगर सेवा नियम और BNSS 2023 की धारा में विरोध हो, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून (BNSS) लागू होगा। इसलिए, अगले निदेशक की योग्यता BNSS की धारा 20(2) के आधार पर तय होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से जल्द नियमों में संशोधन और नई नियुक्ति की मांग की है।
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