उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसा: सात की मौत, लापरवाही पर सवाल

मुख्य बिंदु:

  • उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोग मारे गए।
  • यह बीते सप्ताहों में पांचवीं हेलीकॉप्टर दुर्घटना है।
  • कुमारी सैलजा ने प्रशासनिक विफलता की आलोचना की,उच्चस्तरीय जांच और सुरक्षा मानकों की मांग।

15 जून 2025 को उत्तराखंड के गौरीकुंड जंगल में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। यह हादसा चारधाम यात्रा के दौरान हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालु केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ जाते हैं। हेलीकॉप्टर सेवाएं इन दुर्गम स्थानों तक पहुंचने का प्रमुख साधन हैं। मगर, खराब मौसम और तकनीकी खामियों ने हाल के वर्षों में कई हादसे बढ़ाए। मई 2025 में गंगनानी में हुए हादसे में छह लोग मारे गए थे।

गौरीकुंड हादसे में सात लोगों की दुखद मृत्यु
रविवार सुबह आर्यन एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी जाते समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ। खराब दृश्यता के बीच यह गौरीकुंड के जंगल में गिरा। हेलीकॉप्टर में सात लोग सवार थे, जिनमें पायलट शामिल था। सभी की मौके पर ही मृत्यु हो गई। सैलजा ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शोकाकुल परिवारों के लिए प्रार्थना की।

प्रशासनिक लापरवाही और बार-बार हादसों पर सवाल
कुमारी सैलजा ने हादसों की पुनरावृत्ति को प्रशासनिक विफलता बताया। यह पांच सप्ताह में तीसरा हादसा है। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष जांच नहीं हुई। सुरक्षा प्रोटोकॉल अपर्याप्त हैं। मई 2024 में तकनीकी खराबी के कारण एक हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई थी। बार-बार हादसे विश्वास को तोड़ रहे हैं।

उच्चस्तरीय जांच और सुरक्षा सुधार की तत्काल मांग
सैलजा ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने सुरक्षा मानकों को मजबूत करने को कहा। हेलीकॉप्टर संचालन के लिए सख्त नियम लागू करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए। उन्होंने कड़े मानक लागू करने का वादा किया। सैलजा ने त्वरित कार्रवाई की अपील की।

उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसे गंभीर प्रशासनिक खामियां उजागर करते हैं। चारधाम यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। सैलजा की मांग से सरकार पर दबाव बढ़ा। जांच और सुधार से भविष्य के हादसे रोके जा सकते हैं। जनता का भरोसा बनाए रखना जरूरी है।