
वाशिंगटन, 27 मार्च 2025 – ट्रंप प्रशासन ने कुछ ग्रीन कार्ड आवेदनों की प्रक्रिया रोककर आप्रवासियों, खासकर भारतीयों, को बड़ा झटका दिया है। यह कदम 20 जनवरी 2025 को हस्ताक्षरित दो कार्यकारी आदेशों के जरिए लागू हुआ, जो जांच प्रक्रिया को सख्त करने का लक्ष्य रखते हैं। इससे अमेरिका में स्थायी निवास की प्रतीक्षा कर रहे हजारों लोगों के सपने प्रभावित हुए हैं।
अचानक नीति बदलाव
यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने शरणार्थियों और शरण मांगने वालों द्वारा दायर कुछ ग्रीन कार्ड आवेदनों की प्रक्रिया निलंबित कर दी है। गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने पुष्टि की कि यह निलंबन ट्रंप के “संयुक्त राज्य को विदेशी आतंकवादियों और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों से बचाने” और “कार्टेल और अन्य संगठनों को विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने” जैसे आदेशों के अनुरूप है। CBS न्यूज़ ने 25 मार्च को सूत्रों के हवाले से बताया, “USCIS ने हाल ही में अधिकारियों को शरणार्थी या शरण स्थिति वाले आप्रवासियों के ग्रीन कार्ड आवेदनों की प्रक्रिया रोकने को कहा।”
भारतीय आप्रवासियों पर प्रभाव
भारतीय अमेरिका में आप्रवासी आबादी का बड़ा हिस्सा हैं। माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2023 तक 29 लाख से अधिक भारतीय आप्रवासी अमेरिका में रहते थे। यह संख्या 1960 से बढ़ी है, जिसमें 2000 से 2023 के बीच सबसे अधिक वृद्धि हुई। कई लोग H-1B वीजा के बाद ग्रीन कार्ड पर निर्भर हैं। यह रोक रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे 10 लाख से अधिक भारतीयों को प्रभावित करती है, जैसा कि 2023 की कैटो इंस्टीट्यूट रिपोर्ट में बताया गया।
सख्त जांच उपाय
प्रशासन इसे राष्ट्रीय सुरक्षा उपाय के रूप में सही ठहराता है। NBC न्यूज़ से लॉरा कॉलिन्स ने कहा, “पहले ट्रंप प्रशासन में USCIS हर आवेदन की बारीकी से जांच करता था।” अब सोशल मीडिया और रिकॉर्ड की दोबारा जांच हो सकती है। आलोचक इसे मौजूदा कठोर जांच का दोहराव मानते हैं।
विरोध की आवाजें
आप्रवासन समर्थकों ने इस फैसले की निंदा की। न्यूज़वीक में अजadeh एरफानी ने कहा, “यह अनिश्चितकालीन रोक सभी आप्रवासियों को राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में चित्रित करने की कोशिश है।” यह प्रतीक्षा समय को और बढ़ाएगा।
वर्तमान परिदृश्य और अनिश्चितता
DHS ने स्पष्ट नहीं किया कि कौन से आवेदन प्रभावित हैं या यह रोक कब तक चलेगी। हिंदुस्तान टाइम्स ने 25 मार्च को लिखा, “यह अस्पष्ट है कि कौन से आवेदन प्रभावित हुए।” ट्रंप ने अवैध आप्रवासियों को निर्वासित करने का वादा भी दोहराया है।
यह रोक भारतीय आप्रवासियों के लिए निर्णायक क्षण है। यह स्थिरता के रास्ते को बाधित करती है। कानूनी लड़ाई की तैयारी चल रही है। अभी समुदाय चिंतित है।