
1. हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक ने घाटा खत्म कर दिखाया मुनाफा
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाकर अपने संचित घाटे को खत्म कर दिया। शिमला में आयोजित वार्षिक सभा में अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने बताया कि बैंक ने 8.3 करोड़ रुपये के घाटे को समाप्त कर लिया और 2025-26 के लिए 150 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कृषि ऋण पर 2% ब्याज रियायत की घोषणा की, जिससे 50,000 किसानों को लाभ होगा। पिछले साल 1,25,000 किसानों को 450 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए और 50 शाखाओं में डिजिटल बैंकिंग शुरू की गई। यह उपलब्धि ग्रामीण वित्तीय समावेशन के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन ग्रामीण शाखाओं में कर्मचारी कमी की शिकायतें भी उठीं।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 12.5 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाकर अपने संचित घाटे को खत्म कर दिया। शिमला में आयोजित वार्षिक सभा में अध्यक्ष संजय सिंह चौहान ने बताया कि बैंक ने 8.3 करोड़ रुपये के घाटे को समाप्त कर लिया और 2025-26 के लिए 150 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कृषि ऋण पर 2% ब्याज रियायत की घोषणा की, जिससे 50,000 किसानों को लाभ होगा। पिछले साल 1,25,000 किसानों को 450 करोड़ रुपये के ऋण दिए गए और 50 शाखाओं में डिजिटल बैंकिंग शुरू की गई। यह उपलब्धि ग्रामीण वित्तीय समावेशन के लिए सकारात्मक संकेत है, लेकिन ग्रामीण शाखाओं में कर्मचारी कमी की शिकायतें भी उठीं।
2. गृह रक्षा स्वयंसेवकों के 700 पदों को मंजूरी, डिपोज़िट रिफंड स्कीम-2025 शुरू
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 700 गृह रक्षा स्वयंसेवकों के पद भरने और 203 पंचायत सचिवों को नियमित करने की मंजूरी दी। गैर-जैव निम्नीकरणीय कचरे के प्रबंधन के लिए डिपोज़िट रिफंड स्कीम-2025 शुरू की गई, जो कांच की बोतलों, प्लास्टिक कंटेनरों आदि पर पायलट आधार पर लागू होगी। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजीडेंसी के लिए फील्ड पोस्टिंग की अनिवार्यता हटाई गई। रेरा कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने और बद्दी में नया प्रारम्भिक शिक्षा खंड स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह कदम प्रशासनिक दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, लेकिन योजना के क्रियान्वयन पर सवाल बने हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में 700 गृह रक्षा स्वयंसेवकों के पद भरने और 203 पंचायत सचिवों को नियमित करने की मंजूरी दी। गैर-जैव निम्नीकरणीय कचरे के प्रबंधन के लिए डिपोज़िट रिफंड स्कीम-2025 शुरू की गई, जो कांच की बोतलों, प्लास्टिक कंटेनरों आदि पर पायलट आधार पर लागू होगी। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजीडेंसी के लिए फील्ड पोस्टिंग की अनिवार्यता हटाई गई। रेरा कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने और बद्दी में नया प्रारम्भिक शिक्षा खंड स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह कदम प्रशासनिक दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, लेकिन योजना के क्रियान्वयन पर सवाल बने हुए हैं।
3. शिमला में ‘जय हिंद सभा’ का आयोजन, प्रतिबha सिंह ने की कार्यकर्ताओं से अपील
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शिमला में 30 मई को ‘जय हिंद सभा’ आयोजित की, जिसमें कार्यकर्ताओं से पार्टी मूल्यों को मजबूत करने और एकजुटता की अपील की गई। इस आयोजन में भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिसमें बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देने पर जोर दिया गया। प्रतिभा सिंह ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने की बात कही, ताकि स्थानीय मुद्दों जैसे बेरोजगारी और शासन पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सके। यह सभा कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह हिमाचल में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करना चाहती है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने शिमला में 30 मई को ‘जय हिंद सभा’ आयोजित की, जिसमें कार्यकर्ताओं से पार्टी मूल्यों को मजबूत करने और एकजुटता की अपील की गई। इस आयोजन में भारी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए, जिसमें बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देने पर जोर दिया गया। प्रतिभा सिंह ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने की बात कही, ताकि स्थानीय मुद्दों जैसे बेरोजगारी और शासन पर कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सके। यह सभा कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह हिमाचल में अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत करना चाहती है।
4. वन विभाग को लघु खनिज संग्रह और ड्रेजिंग की अनुमति, पर्यावरण संरक्षण पर जोर
हिमाचल मंत्रिमंडल ने वन विकास निगम को वन क्षेत्रों में नदियों और तालाबों से लघु खनिज संग्रह और ड्रेजिंग की अनुमति दी, ताकि संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। 2025-26 बजट में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीतियों के अनुरूप यह कदम उठाया गया। हालांकि, पर्यावरण संगठनों ने अतीत में वन अधिकार अधिनियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए दुरुपयोग की आशंका जताई है। सरकार को सख्त निगरानी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि पारिस्थितिक संतुलन बिगड़े नहीं।
हिमाचल मंत्रिमंडल ने वन विकास निगम को वन क्षेत्रों में नदियों और तालाबों से लघु खनिज संग्रह और ड्रेजिंग की अनुमति दी, ताकि संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय आर्थिक लाभ और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। 2025-26 बजट में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीतियों के अनुरूप यह कदम उठाया गया। हालांकि, पर्यावरण संगठनों ने अतीत में वन अधिकार अधिनियम के उल्लंघन का हवाला देते हुए दुरुपयोग की आशंका जताई है। सरकार को सख्त निगरानी सुनिश्चित करनी होगी, ताकि पारिस्थितिक संतुलन बिगड़े नहीं।
5. सोलन में नया प्रारम्भिक शिक्षा खंड बद्दी में स्थापित, शिक्षा सुधार पर ध्यान
हिमाचल मंत्रिमंडल ने सोलन के रामशहर प्रारम्भिक शिक्षा खंड को विभाजित कर बद्दी में नया खंड स्थापित करने की मंजूरी दी, ताकि क्षेत्र में शिक्षा तक पहुंच बढ़े। इसके लिए नए पद सृजित किए गए। बद्दी, एक औद्योगिक केंद्र होने के नाते, बढ़ती आबादी के कारण बेहतर शिक्षा सुविधाओं की मांग कर रहा था। यह कदम शिक्षा सुधार की दिशा में एक प्रयास है, जैसे कुल्लू वैली स्कूल और द ट्रिब्यून की साझेदारी से पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना। हालांकि, ग्रामीण स्कूलों में कर्मचारी कमी की समस्या बनी हुई है।
हिमाचल मंत्रिमंडल ने सोलन के रामशहर प्रारम्भिक शिक्षा खंड को विभाजित कर बद्दी में नया खंड स्थापित करने की मंजूरी दी, ताकि क्षेत्र में शिक्षा तक पहुंच बढ़े। इसके लिए नए पद सृजित किए गए। बद्दी, एक औद्योगिक केंद्र होने के नाते, बढ़ती आबादी के कारण बेहतर शिक्षा सुविधाओं की मांग कर रहा था। यह कदम शिक्षा सुधार की दिशा में एक प्रयास है, जैसे कुल्लू वैली स्कूल और द ट्रिब्यून की साझेदारी से पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना। हालांकि, ग्रामीण स्कूलों में कर्मचारी कमी की समस्या बनी हुई है।
6. कांगड़ा और हमीरपुर के विकास खंडों का पुनर्गठन, बेहतर सुविधाओं का वादा
हिमाचल मंत्रिमंडल ने कांगड़ा के सुलह, भवारना, लम्बागांव और हमीरपुर के भोरंज विकास खंडों को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया, ताकि प्रशासनिक दक्षता और सरकारी योजनाओं तक पहुंच में सुधार हो। यह क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने का प्रयास है। 2025-26 बजट में ग्रामीण विकास, हरित ऊर्जा और पर्यटन के लिए धन आवंटन के साथ यह कदम संरेखित है। लेकिन स्थानीय लोगों ने अतीत में परियोजनाओं में देरी की शिकायत की है, जिससे सरकार पर तेजी से कार्यान्वयन का दबाव है।
हिमाचल मंत्रिमंडल ने कांगड़ा के सुलह, भवारना, लम्बागांव और हमीरपुर के भोरंज विकास खंडों को पुनर्गठित करने का निर्णय लिया, ताकि प्रशासनिक दक्षता और सरकारी योजनाओं तक पहुंच में सुधार हो। यह क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने का प्रयास है। 2025-26 बजट में ग्रामीण विकास, हरित ऊर्जा और पर्यटन के लिए धन आवंटन के साथ यह कदम संरेखित है। लेकिन स्थानीय लोगों ने अतीत में परियोजनाओं में देरी की शिकायत की है, जिससे सरकार पर तेजी से कार्यान्वयन का दबाव है।
7. चंबा में 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारियों का विरोध, बेहतर वेतन की मांग
हिमाचल प्रदेश 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन (CITU से संबद्ध) ने चंबा में बेहतर वेतन और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने खराब कार्य स्थितियों की शिकायत की, जिसके बाद राज्यव्यापी हड़ताल हुई, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुईं। यह प्रदर्शन स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं को उजागर करता है और सरकार पर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का दबाव डालता है। सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता के लिए सुधारों की जरूरत को रेखांकित करता है।
हिमाचल प्रदेश 108 और 102 एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन (CITU से संबद्ध) ने चंबा में बेहतर वेतन और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने खराब कार्य स्थितियों की शिकायत की, जिसके बाद राज्यव्यापी हड़ताल हुई, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित हुईं। यह प्रदर्शन स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं को उजागर करता है और सरकार पर स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का दबाव डालता है। सरकार की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह मुद्दा आवश्यक सेवाओं की निरंतरता के लिए सुधारों की जरूरत को रेखांकित करता है।
8. वन अधिकार अधिनियम के उल्लंघन पर चिंता, संगठनों ने उठाई मांग
हिमधारा कलेक्टिव और हिमालय नीति अभियान जैसे संगठनों ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई। उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक के एक पत्र की आलोचना की, जिसमें वनवासियों के दावों को गलत तरीके से खारिज करने की बात कही गई। संगठनों ने केंद्रीय जनजाति मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की। यह मुद्दा संरक्षण और स्वदेशी समुदायों के अधिकारों के बीच तनाव को दर्शाता है, जिसमें सख्त अनुपालन की मांग की जा रही है।
हिमधारा कलेक्टिव और हिमालय नीति अभियान जैसे संगठनों ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई। उन्होंने प्रधान मुख्य वन संरक्षक के एक पत्र की आलोचना की, जिसमें वनवासियों के दावों को गलत तरीके से खारिज करने की बात कही गई। संगठनों ने केंद्रीय जनजाति मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की। यह मुद्दा संरक्षण और स्वदेशी समुदायों के अधिकारों के बीच तनाव को दर्शाता है, जिसमें सख्त अनुपालन की मांग की जा रही है।
9. शिमला में भूकंप, रिक्टर स्केल पर 3.2 की तीव्रता, कोई हताहत नहीं
हिमाचल प्रदेश में सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र 5 किमी गहराई पर था। शिमला और आसपास के क्षेत्रों में हल्का डर फैला, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। मौसम विभाग ने भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं की चिंता बढ़ी है। लाहौल-स्पीति में हालिया भूस्खलन और ट्रैफिक जाम ने जोखिम को उजागर किया है। विशेषज्ञों ने आपदा तैयारी को मजबूत करने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश में सुबह 3.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र 5 किमी गहराई पर था। शिमला और आसपास के क्षेत्रों में हल्का डर फैला, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। मौसम विभाग ने भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी दी है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं की चिंता बढ़ी है। लाहौल-स्पीति में हालिया भूस्खलन और ट्रैफिक जाम ने जोखिम को उजागर किया है। विशेषज्ञों ने आपदा तैयारी को मजबूत करने की सलाह दी है।
10. पर्यटन को बढ़ावा: शिमला में बर्फबारी, सैलानियों की भीड़
शिमला में हालिया बर्फबारी ने मॉल रोड और कुफरी को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया। होटल लगभग पूरे भर गए हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला। लेकिन लाहौल-स्पीति में ट्रैफिक जाम की समस्या उभरी। सरकार ने कांगड़ा में बुनियादी ढांचे के लिए 390 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, ताकि साल भर पर्यटन को बढ़ावा मिले। हालांकि, अधिक पर्यटन और ट्रैफिक प्रबंधन की चुनौतियां बनी हुई हैं।
शिमला में हालिया बर्फबारी ने मॉल रोड और कुफरी को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना दिया। होटल लगभग पूरे भर गए हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला। लेकिन लाहौल-स्पीति में ट्रैफिक जाम की समस्या उभरी। सरकार ने कांगड़ा में बुनियादी ढांचे के लिए 390 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, ताकि साल भर पर्यटन को बढ़ावा मिले। हालांकि, अधिक पर्यटन और ट्रैफिक प्रबंधन की चुनौतियां बनी हुई हैं।