
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाया कि तीसरी बार सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने फिर से घोटालों की बाढ़ ला दी है। शराब, खनन, भर्ती, फसल बीमा, सहकारिता और अमृत योजना जैसे घोटालों के बाद अब पानीपत नगर निगम में सफाई घोटाला सामने आया है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, सफाई ठेके में करोड़ों रुपये की धांधली हुई है।
आरटीआई के मुताबिक, पानीपत नगर निगम ने 13 मई 2022 को चारों जोन की गलियों और सड़कों की सफाई के लिए 84.08 करोड़ रुपये सालाना के ठेके दिए थे, जिसकी अवधि 2 साल थी और यह 13 मई 2024 को खत्म होनी थी। इसके बाद नए टेंडर आमंत्रित किए जाने चाहिए थे, लेकिन शहरी स्थानीय निकाय ने मिलीभगत कर ठेके की अवधि पहले 30 जून 2024 तक, फिर 25 जून को कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक में 31 जुलाई 2024 तक और बाद में 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी।
जनवरी 2025 में कैबिनेट सब-कमेटी ने बिना नए टेंडर के ठेके की दरों में 84% की भारी बढ़ोतरी कर दी, जिससे 84.08 करोड़ की जगह अब 154.83 करोड़ रुपये सालाना देना तय हुआ। साथ ही ठेके की अवधि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दी गई।
हुड्डा ने कहा कि ठेके की अवधि खत्म होने के बावजूद ठेकेदारों को बार-बार लाभ देना और करोड़ों की अतिरिक्त मंजूरी घोटाले को उजागर करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस लूट में शामिल है। 15.84 करोड़ के एक अन्य फर्जीवाड़े में सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड ने मुकदमा दर्ज किया, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोप है कि ठेकेदार कंपनियों को 1259 कर्मचारी लगाने थे, पर केवल 847 लगाए गए, जिससे सरकार को हर महीने 66 लाख रुपये का नुकसान हुआ। गंभीर आरोपों के बावजूद ना कोई गिरफ्तारी हुई, ना कोई अधिकारी निलंबित हुआ, और ना ही ठेके रद्द किए गए।
हुड्डा ने कहा कि कैथल, रोहतक, गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित पूरे प्रदेश में ऐसे घोटाले सामने आए हैं, लेकिन सरकार कार्रवाई की बजाय घोटालेबाजों को संरक्षण दे रही है। उन्होंने मांग की कि इन सभी मामलों की सीबीआई जांच हो, ताकि जनता की मेहनत की कमाई की लूट रोकी जा सके।