पांवटा लव जेहाद मामले में पुलिस की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई पर सवाल

मुख्य बिंदु:
  • पांवटा साहिब में पुलिस पीड़ित के बजाय आरोपी का साथ दे रही।
  • अवैध धर्म परिवर्तन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
  • जयराम ठाकुर ने प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई की निंदा की।
  • पुलिस पीड़ित परिवार को परेशान कर रही।
  • भाजपा पक्षपात और अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी।

हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष  जयराम ठाकुर ने पांवटा साहिब मामले में पुलिस की भूमिका की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पुलिस पीड़ित परिवार के साथ अन्याय कर रही है। प्रशासन एक समुदाय का पक्ष ले रहा है। यह व्यवहार पूरी तरह गलत है। पुलिस को न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। इसके बजाय, यह पीड़ितों को परेशान कर रही है। ठाकुर ने कहा कि ऐसी घटनाएं हिमाचल की शांति को भंग करती हैं।

ठाकुर ने बताया कि घटना के पहले दिन से पुलिस पक्षपात कर रही है। अपहरण के आरोपी को संरक्षण मिल रहा है। पीड़ित परिवार को बार-बार परेशान किया जा रहा। पुलिस आरोपी के समर्थकों पर कार्रवाई नहीं कर रही। यह रवैया हिमाचल की शांति को खतरे में डालता है। भाजपा इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।

अवैध धर्म परिवर्तन पर प्रशासन की चुप्पी
सूत्रों के हवाले से ठाकुर ने खुलासा किया कि लापता लड़की का धर्म परिवर्तन हुआ। यह गैरकानूनी है। हिमाचल में 2022 के धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक में सख्त प्रावधान हैं। इसमें 10 साल की सजा और जुर्माना तय है। फिर भी, पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। यह प्रशासन की नाकामी है।

ठाकुर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन राजनीतिक दबाव में काम कर रहे हैं। उनकी कार्रवाई एकतरफा और निंदनीय है। यह हिमाचल की न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। सरकार को निष्पक्ष रुख अपनाना चाहिए। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना जरूरी है।

पांवटा साहिब मामले की पृष्ठभूमि और विवाद
5 जून 2025 को पांवटा साहिब के माजरा क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की लापता हुई। परिजनों ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के युवक ने उसे भगा लिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू किए। तनाव बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे माहौल और गर्माया। परिजनों का दावा है कि लड़की का अवैध धर्म परिवर्तन हुआ, जो हिमाचल प्रदेश धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के खिलाफ है।

इस कानून में गलत धर्म परिवर्तन के लिए 10 साल की सजा का प्रावधान है। पुलिस पर पीड़ित परिवार को परेशान करने और आरोपी का साथ देने का आरोप है। SDM की कथित उकसावे वाली भाषा ने भी विवाद बढ़ाया। यह मामला सामाजिक और राजनीतिक तनाव का कारण बना। जयराम ठाकुर ने इसे शांति और न्याय के लिए खतरा बताया।

पांवटा साहिब मामले में पुलिस की कार्रवाई चिंताजनक है। ठाकुर ने निष्पक्ष जांच की मांग की। सरकार को पीड़ितों के साथ खड़ा होना चाहिए। हिमाचल में शांति और न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है।