गुजरात समाचार के मालिक बहुबली शाह ईडी की हिरासत में, स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती

अहमदाबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को गुजरात के प्रमुख गुजराती दैनिक समाचार पत्र “गुजरात समाचार” के मालिकों में से एक, बहुबली शाह को अहमदाबाद स्थित उनके परिसर पर छापेमारी के बाद हिरासत में ले लिया। सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई गुरुवार शाम को शुरू हुई एक व्यापक जांच का हिस्सा है। हालांकि, ईडी ने आधिकारिक तौर पर शाह या प्रकाशन को निशाना बनाने के विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया है।

गुजरात समाचार और शाह परिवार: बहुबली शाह लोक प्रकाशन लिमिटेड के निदेशक हैं, जो “गुजरात समाचार” का स्वामित्व और संचालन करता है। यह समाचार पत्र गुजरात के सबसे पुराने और सर्वाधिक प्रसारित दैनिकों में से एक है, जो अपनी स्वतंत्र संपादकीय नीति के लिए जाना जाता है। उनके बड़े भाई, श्रेयांश शाह, समाचार पत्र के प्रबंध संपादक हैं और दैनिक कार्यों की देखरेख करते हैं। शाह परिवार दशकों से इस प्रकाशन से जुड़ा हुआ है, जिसने गुजराती पत्रकारिता में एक प्रतिष्ठित स्थान बनाया है।

हिरासत के बाद स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं: जीएसटीवी के डिजिटल सेवाओं के प्रमुख तुषार दवे, जो श्रेयांश शाह द्वारा संचालित एक गुजराती समाचार चैनल है, ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से बहुबली शाह की हिरासत की पुष्टि की। दवे के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार तड़के शाह को हिरासत में लिया। हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद ईडी उन्हें पहले अहमदाबाद के वीएस अस्पताल और फिर जायडस अस्पताल ले गई, जहां उनका इलाज चल रहा है। परिवार के करीबी सूत्रों का कहना है कि शाह को पहले से स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जो छापेमारी और हिरासत के तनाव के कारण बढ़ गईं।

ईडी और आयकर विभाग की समन्वित कार्रवाई: ईडी की यह कार्रवाई आयकर (आई-टी) विभाग द्वारा अहमदाबाद में जीएसटीवी कार्यालय पर 36 घंटे की तलाशी के तुरंत बाद हुई है। गुरुवार दोपहर को समाप्त हुई आयकर की छापेमारी को गहन बताया गया, जिसमें अधिकारियों ने वित्तीय रिकॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की जांच की। इसके तुरंत बाद ईडी की छापेमारी शुरू होने से अटकलें तेज हो गईं हैं कि संघीय एजेंसियां शाह परिवार और उनके मीडिया व्यवसायों के वित्तीय लेनदेन की संयुक्त जांच कर रही हैं।

आरोप और आधिकारिक अस्पष्टता: हालांकि ईडी ने विशिष्ट आरोपों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों का मानना है कि जांच में लोक प्रकाशन लिमिटेड या संबंधित संस्थाओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग या वित्तीय अनियमितताओं के आरोप शामिल हो सकते हैं। अभी तक कोई औपचारिक आरोप सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, और एजेंसी ने अपनी जांच के दायरे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

राजनीतिक और मीडिया जगत में विरोध: इस छापेमारी और हिरासत ने महत्वपूर्ण विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें राजनीतिक नेताओं और मीडिया संगठनों ने ईडी की मंशा पर सवाल उठाए हैं। गुजरात कांग्रेस के विधायक और राज्य कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने ईडी की कड़ी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि “गुजरात समाचार” और उसके मालिकों को पिछले 25 वर्षों से केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यों पर आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के कारण निशाना बनाया जा रहा है। मेवाणी ने ईडी की कार्रवाई को “स्वतंत्र पत्रकारिता को चुप कराने” और सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को डराने का प्रयास बताया।

पत्रकारों और प्रेस संगठनों की चिंताएं: स्थानीय पत्रकारों और प्रेस संगठनों ने भी चिंता व्यक्त की है, और उन्होंने संघीय एजेंसियों द्वारा सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने के बढ़ते चलन की ओर इशारा किया है। गुजरात वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन ने एक बयान जारी कर ईडी से शाह की हिरासत के कारणों पर पारदर्शिता बरतने और आरोपों पर स्पष्टता आने तक उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।

गुजरात समाचार के संचालन पर प्रभाव: “गुजरात समाचार” के कर्मचारियों ने बहुबली शाह के प्रति एकजुटता दिखाई है, और कई लोगों ने गुमनाम रूप से आशंका व्यक्त की है कि छापेमारी से समाचार पत्र के संचालन में बाधा आ सकती है। एक कर्मचारी ने, जिसने स्थिति की संवेदनशीलता के कारण नाम न छापने का अनुरोध किया, कहा, “यह हमारी सच्चाई को रिपोर्ट करने की स्वतंत्रता पर हमले जैसा लगता है।”

क्षेत्रीय मीडिया में “गुजरात समाचार” का महत्व: यह घटनाक्रम भारत में क्षेत्रीय मीडिया, विशेष रूप से स्वतंत्र या आलोचनात्मक रुख बनाए रखने वालों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालता है। 1932 में स्थापित “गुजरात समाचार” का स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों को कवर करने का एक लंबा इतिहास रहा है, और यह अक्सर जनहित के मामलों पर मुखर रहा है। इसका पाठक वर्ग गुजरात और दुनिया भर में फैले गुजराती प्रवासियों तक विस्तृत है, जो इसे क्षेत्रीय मीडिया परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनाता है।

जारी जांच और जनता की प्रतिक्रिया: वर्तमान में, बहुबली शाह जायडस अस्पताल में हैं, और ईडी ने उनकी स्थिति की निगरानी के लिए अस्पताल में अधिकारियों को तैनात किया है। जांच जारी है, और सूत्रों का कहना है कि एजेंसी शाह परिवार से जुड़ी अन्य संस्थाओं की भी जांच कर सकती है। इस बीच, जनता और मीडिया इस उच्च-प्रोफाइल मामले की पूरी जानकारी और आगे के विवरण का इंतजार कर रहे हैं।

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