खबर सार:
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कांग्रेस कार्यकर्ता बैठक: सिरसा में संगठन गठन पर चर्चा, जिला अध्यक्ष पद के लिए आवेदन।
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सैलजा का आह्वान: बूथ स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करें, सभी कार्यकर्ताओं को सम्मान दें।
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पर्यवेक्षक की अध्यक्षता: एम क्रिस्टोफर तिलक ने की बैठक, अनुशासन और एकजुटता पर जोर।
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सिरसा में कांग्रेस की स्थिति: पांच में तीन विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास, भाजपा का कोई आधार नहीं।
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संत कबीर जयंती: सैलजा 11 जून को सोनीपत में 628वीं जयंती समारोह में शामिल होंगी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ताओं ने बिना पद और पहचान के जमीन पर काम किया, जिससे सिरसा की पांच में से तीन विधानसभा सीटें पार्टी के पास हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सब कुछ भूलकर केवल संगठन की मजबूती के लिए काम करने का आह्वान किया।
सैलजा मंगलवार को सिरसा के कांग्रेस भवन में आयोजित जिला कार्यकर्ता बैठक को संबोधित कर रही थीं। संगठन गठन के लिए बुलाई गई इस बैठक में जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों ने आवेदन दिए और संगठन को मजबूत करने पर विचार साझा किए। बैठक की अध्यक्षता एआईसीसी सचिव और पर्यवेक्षक एम क्रिस्टोफर तिलक ने की। उनके साथ पीसीसी पर्यवेक्षक शमशेर सिंह गोगी, कृष्ण सातरोड, राजवीर वर्मा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व सांसद चरणजीत सिंह रोडी, विधायक भरत सिंह बैनीवाल, अमित सिहाग, और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
सैलजा ने कहा कि संगठन के अभाव में पार्टी में अनुशासन की कमी थी। अब संगठन बनने से अनुशासन बढ़ेगा और एकजुटता से पार्टी मजबूत होगी। उन्होंने कहा, “सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे हमारे नेता हैं, बाकी हम सब सिपाही हैं। बूथ स्तर पर मजबूत संगठन के बिना पार्टी आगे नहीं बढ़ सकती।”
उन्होंने बताया कि पहले कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं थी, लेकिन अब संगठन बनने से उन्हें सम्मान और पहचान मिलेगी। सैलजा ने बिना पद के मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं की सराहना की और कहा कि पर्यवेक्षक सभी दावेदारों से बात करेंगे।
उन्होंने बताया कि सिरसा में भाजपा का कोई आधार नहीं है। जिले की पांच विधानसभा सीटों में तीन कांग्रेस और दो इनेलो के पास हैं। पीसीसी पर्यवेक्षक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि बैठक में केवल संगठन पर चर्चा होगी। सभी विधानसभा क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं से राय ली जाएगी, और 16 जून को सिरसा में दोबारा बैठक होगी। इसके बाद पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट हाईकमान को सौंपेंगे।
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